
बता दें कि ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा में कॉलेज के विभिन्न विभागों में खरीदी और निर्माण कार्य को लेकर 14 करोड रुपये कि वित्तीय अनियमितता की गई थी। वर्ष 2018 में डॉ रामलला शुक्ला कालेज में प्राचार्य पद पर पदस्थ रहे, वर्ष 2019 में डॉक्टर एसयू खान और डॉक्टर सत्येंद्र शर्मा दोनों ही प्राचार्य रहे। इसके बाद वर्ष 2020 में फिर डॉक्टर रामलला शुक्ला प्राचार्य पद पर पदस्थ हुए। इस दौरान करीब 3 वर्षों में यह घोटाला किया गया। अलग-अलग समय में पदस्थापना के दौरान यह तीनों प्राचार्य घोटाला करते रहे।
जिसकी शिकायत कलेक्टर से की गई कलेक्टर ने इस पूरे मामले को ईओडब्ल्यू को सौंप दिया। इस पूरे मामले को ईओडब्ल्यू टीम बारीकी से एक_एक पर जांच किया।
ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय (टीआरएस) रीवा कॉलेज में पदस्थ तत्कालीन तीन प्राचार्य को वित्तीय अनियमितता किए जाने पर जांच के बाद ईओडब्ल्यू रीवा जिला न्यायालय रीवा में चालान पेश किया कर उन्हें जेल भेज दिया था।
बता दे की वर्ष 2018, 19 और 20 में पदस्थापना के दौरान यह अनियमितता की गई थी। कलेक्टर के आदेश पर नवंबर वर्ष 2020 में ईओडब्ल्यू में मामला पंजीबद्ध किया गया था।
इतने बड़े घोटाले में जेल की हवा खा चुके डा.रामलला शुक्ल ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा और सदस्यता समिति के अध्यक्ष नरोत्तम मिश्रा ने बीजेपी की सदस्यता दिलाई
जीरो टॉलरेंस की बात करने बाली बीजेपी आखिर इतने बड़े घोटाले के आसमी को बीजेपी पार्टी में सदस्यता कैसे ग्रहण कराई l